करीब 20 साल पहले 1998 में गूगल एक प्राइवेट कंपनी के तौर पर शुरू की गई थी। अगर कहा जाए कि इन 20 सालों में गूगल ने इंटरनेट की दुनिया पर राज किया है तो शायद गलत नहीं होगा। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी स्टार्ट करने से पहले इसके दोनों फाउंडर सर्गे ब्रिन और लैरी पेज 1995 में स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में मिले थे। दोनों ही फिलहाल अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार हैं लेकिन क्या आपको पता है कि दोनों में से कोई गूगल का मालिक नहीं है। अगर आप सोच रहे हैं कि गूगल के भारतीय मूल के CEO सुंदर पिचाई गूगल के मालिक हैं, तो भी आप गलत हैं। तो फिरकौन है गूगल का मालिक, आइए आपको बताते हैं... दरअसल, साल 2004 में ब्रिन और पेज ने गूगल को पब्लिक कर दिया। यानी गूगल का कोई एक मालिक नहीं है बल्कि कई सारे शेयरहोल्डर हो गए हैं। गूगल में शेयरहोल्डिंग समझने के लिए यह भी जानना बेहद जरूरी है कि साल 2015 में गूगल ने अपनी एक पैरंट कंपनी, Alphabet Inc., बनाई और अपने सारे प्रॉजेक्ट्स उसके अंडर ला दिए। गूगल की ओनरशिप और उससे जुड़े फैसले अब Alphabet के स्ट्रक्चर के हिसाब से ही किए जाते हैं। गूगल में अब शेयर के दो क्लास हैं- A और C। क्लास A के शेयरहोल्डर्स को वोटिंग को अधिकार है जबकि क्लास C के शेयरहोल्डर्स को नहीं। कुछ लोगों को B क्लास में भी रखा गया है। इन लोगों को 10-10 वोट हैं और ये मार्केट में ट्रेड नहीं हो सकते। अब जानते हैं कि गूगल में किसके कितने शेयर हैं- लैरी पेज सबसे ज्यादा शेयर की बात की जाए तो लैरी पेज के पास इस वक्त सबसे ज्यादा शेयर हैं। वह Alphabet के CEO हैं और उनके पास Alphabet के 20 मिलियन क्लास C शेयर्स और 19.9 मिलियन क्लास A शेयर्स हैं। उनकी ज्यादातर जिम्मेदारियां 2015 में सुंदर पिचाई के CEO बनने के बाद उन पर ट्रांसफर हो गई हैं। अक्टूबर 2018 तक 50.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ पेज अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। सर्गे ब्रिन Alphabet के प्रेजिडेंट सर्गे ब्रिन के पास 19.3 मिलियन क्लास C शेयर और 18,400 क्लास A शेयर हैं। उनकी कुल संपत्ति 49.9 बिलियन डॉलर है।